किसान उस बूढ़ी माँ की तरह हो गया जिसके दो बेटे कांग्रेस और भाजपा

हरदा के किसान की फसल पूर्व रूप से नष्ट हो चुकी है क्यों कि इस साल अतिवृष्टि हो चुकी है। किसान ने कर्ज लेकर सोयाबीन बोई थी जिसमे बीज 6000 रुपया क्विंटल का बोया था, अगली फसल गेहू के लिए किसान के पास खाद बीज के लिए पैसे नही बचे है।हरदा किसानों का जिला है ,अगर किसान के पास पैसा नही रहेगा तो व्यापारी व मजदूर को भारी नुकसान होगा।दीवाली सबसे बड़ा पर्व है और पैसा न होने से यह पर्व फीका पड़ गया है।हकीकत 160 रूपए बोनस, भावन्तर ,2 लाख का कर्ज यह सब किसानों को सरकार से लेना है पर नेता केंद्र ओर राज्य मैं किसानों को उलझा रहे है विचारणीय किसान उस बूढ़ी माँ की तरह हो गया जिसके दो बेटे कांग्रेस और भाजपा वृद्ध अवस्था मे उसका ख्याल नही रख रहे है'राम मंदिर का फैसला आ जायेगा उस समय मीडिया से किसान मुद्दा,बडे़ सब हट जाएगा किसान अब हताश हो चुका है और बोल सकते है कि हम किसान किस्मत के मारे है (शान्तिकुमार जैसानी)


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